मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हो सकते हैं कैलाश विजयवर्गीय

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भोपाल (निर्मल पचोरी आलोचक)☆☆ मध्य प्रदेश में बहुमत सिद्ध करने की जंग आज शुरू हो जाएगी बहुमत साबित करने की जंग विधानसभा से निकलकर सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंची सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कमलनाथ सरकार को आज बहुमत  सिद्ध करने के आदेश दिए गए , इधर कांग्रेश अपने कानूनी विशेषज्ञों की सलाह ले रही है माना कि जा रहा था की कमलनाथ सरकार प्रधानमंत्री की बिना अनुमति के नहीं गिरेगी लेकिन  कांग्रेश हाईकमान सोनिया गांधी को प्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी ने नजरअंदाज किया उनकी बेइज्जती की उनके विधायक और मंत्री और उनके कार्यकर्ताओं की बात अधिकारियों के द्वारा नहीं मानने के कारण ही आज उनको पार्टी छोड़ना पड़ी कांग्रेश छोड़कर अपने 22 विधायकों के साथ भाजपा में शामिल होना पड़ा इधर कांग्रेस की तरह ही भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से नाराज होकर भोपाल छोड़कर दिल्ली में जाकर राजनीति करने वाले महासचिव कैलाश विजयवर्गी जिन्हें अमित शाह का सहयोगी माना जाता है सूत्रों का कहना है कि उन्हें अब मध्य प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती है  अभी तक सीहोर रिसोर्ट में रखे गए भारतीय जनता पार्टी के विधायक से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सांसद बीडी शर्मा, गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा संपर्क बनाए हुए थे लेकिन आज अचानक सुबह भारतीय जनता पार्टी की राजनीतिक गतिविधियों को देखते हुए अचानक कैलाश विजयवर्गी का सीहोर पहुंचने पर सूत्रों ने यह अंदाज लगा लिया कि अब कैलाश विजयवर्गीय भारतीय जनता पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री घोषित हो सकते हैं अचानक सीहोर आने का उनका  कारण यही माना जा रहा है इधर मध्य प्रदेश कांग्रेश के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री हैं जब से कांग्रेस सरकार बनी है तब से लेकर अब तक मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अध्यक्ष पद नहीं छोड़ा ना ही किसी निगम में उन्होंने नियुक्ति की मध्य प्रदेश के कांग्रेसी कार्यकर्ता उनसे काफी नाराज दिख रहे थे इसी कारण आज कांग्रेश को सत्ता गंवानी पड़ी;;;;??????? 


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